दोस्तों सावन का महीना चल रहा है और सभी को मालूम है कि सावन का महीना शिव जी को समर्पित होता है। इस दौरान उनकी आराधना करने से व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा सौभाग्य की प्राप्ति होती है, सावन सोमवार के दिन उनकी विशेष तौर पर पूजा की जाती है, लेकिन क्या आपको सावन शिवरात्रि के बारे में मालूम है? क्योंकि हम आपको पहले ही बता दें कि इसका महत्व हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा है। तो अगर आपको इसके बारे में नहीं मालूम है, तो इस आर्टिकल में हम आपको सावन सोमवार के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं, साथ ही हम आपको सावन सोमवार के दिन शिव जी की पूजा करने की विधि के बारे में भी जानकारी देंगे, इसलिए इस आर्टिकल में बने रहे, तो चलिए शुरू करते हैं।
सावन शिवरात्रि कब मनाया जाता है
हम आपको बता दें कि इसे सावन महीने के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, कहा जाता है कि अगर इस दिन कोई व्यक्ति व्रत रखता है, तो उसे भगवान शिव और पार्वती जी दोनों की कृपा प्राप्त होती है, और उसे अपने वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। इतना ही नहीं, कहा जाता है कि अगर इस दिन आप शिवजी का जलाभिषेक करते हैं, तो आपको हर समस्या से मुक्ति भी मिलती है, और आपको शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और आपको सावन शिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करने की विधि, और Shri Shiv Chalisa के बारे में जानकारी देते हैं।
कैसे करें सावन शिवरात्रि पर पूजा
1: इस दिन आपको सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना है, और स्नान आदि करने के बाद आपको सबसे पहले अपने व्रत रखने का संकल्प लेना है।
2: इसके बाद आपको शिवलिंग का जलाभिषेक करना है, ध्यान रहे की निशिता मुहूर्त में ही आप शिवलिंग का जलाभिषेक करें, जिसके लिए आप दूध, दही, शहद, घी या गन्ने के रस आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3: इसके बाद आपको गंगाजल में काले तिल मिलाकर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके शिवजी पर गंगा जल करना है।
4: इसके बाद आपको शिव जी को बेलपत्र, धतूरा, भांग और हरसिंगार के पुष्प अर्पित करने हैं।
5: उसके बाद आपको शिवजी को भोग लगाना है, भोग के रूप में आप उन्हें हलवा, खीर या फिर बेल के फल को भोग के रूप में लगा सकते हैं, जिससे कि शिवजी बहुत ही ज्यादा प्रसन्न होते हैं।
6: इसके बाद आपको आटे के घी का चौमुखी दीपक जलाना है, और उसके बाद आपको शिव पुराण, शिव मंत्र आदि का पाठ करना है। ध्यान रहे की शिवरात्रि कथा को जरूर सुने।
इस तरह से आप सावन शिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा कर सकते हैं, ध्यान रहे कि इस दिन आपको रात में रात्रि के चार पहर में भी इसी तरह से शिवजी की पूजा करनी होती है, इसलिए इस रात को नहीं सोना चाहिए, और शिव जी के भजन कीर्तन करने चाहिए।
सावन शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
वैसे तो यह आपको पता है कि सावन का महीना शिव जी को समर्पित होता है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि आखिर सावन के महीने में शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है। अगर नहीं तो हम आपको बता दें, कि मान्यता है की सावन के महीने के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को ही शिवजी का प्राकट्य हुआ था, और कहा जाता है कि इसी दिन शिव जी का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन सावन शिवरात्रि मनाई जाती है, और इस दिन शिव जी की पूजा की जाती है जिससे कि भक्तों को शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Conclusion
उम्मीद है कि अब आपको सावन शिवरात्रि के महत्व और पूजा विधि के बारे में पूरी जानकारी हो गई होगी, कहा जाता है कि इस दिन व्रत करके शिवजी की पूजा करने से, पूरे महीने के दिन की पूजा करने जितना पुण्य प्राप्त होता है। तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपको यह पुण्य मिले, तो सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखके शिवजी की पूजा अवश्य करें।