राधा अष्टमी कथा

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तो दोस्तों आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में तो मालूम होगा, लेकिन क्या आपको राधा अष्टमी के बारे में मालूम है? अगर नहीं, तो आज इस आर्टिकल में हम आपको राधा अष्टमी और राधा अष्टमी की कथा के बारे में बताने वाले हैं। तो अगर आपको भी जानना है कि राधा अष्टमी क्या है, इसे कब और क्यों मनाया जाता है। तो आज के हमारे इस आर्टिकल को आखरी तक जरूर पढ़ें। तो चलिए शुरू करते हैं।

राधा अष्टमी क्या है और इसे कब मनाया जाता है?

दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जिक्र किया है, तो हम आपको बता दें कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था, और भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी की श्रीकृष्ण जी के जन्म के ठीक 15 दिनों बाद ही ,बरसाना में राधा जी का जन्म हुआ था, और इसी दिन को राधा अष्टमी के नाम से जाना जाता है, और इसलिए इस दिन  राधा जी की पूजा की जाती है। इस दिन लगभग सभी व्यक्ति व्रत करते हैं खासकर महिलाए, कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मनुष्य को बहुत ही ज्यादा फायदे होते हैं। उन फायदों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।

राधा अष्टमी कथा क्या है?

अगर बात करने राधा अष्टमी कथा की, तो हम आपको बता दें कि यह एक ऐसी कथा है जिसका पाठ राधा अष्टमी के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति करते हैं, और कहा जाता है कि इस व्रत कथा का पाठ करने से उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है, और उन्हें श्री कृष्ण जी और राधा जी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वैसे तो आपको राधा अष्टमी की एक नहीं बल्कि कई पौराणिक कथा देखने और सुनने को मिल जाएगी। अगर आप भी चाहते हैं कि आप राधा अष्टमी के दिन व्रत करें और व्रत कथा का पाठ करें, तो आप इंटरनेट पर radha ashtami katha in hindi  सर्च करके आसानी से राधा अष्टमी कथा को प्राप्त कर सकते हैं, और उसका पाठ करके श्री कृष्ण जी और राधा जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

राधा अष्टमी कथा का महत्व

हम आपको बता दें कि जिस प्रकार से हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व है, उसी प्रकार से राधा अष्टमी का भी बहुत ही ज्यादा महत्व है, क्योंकि इस संसार में श्री कृष्णा और राधा एक दूसरे के लिए ही बने हैं। इसलिए अगर आप राधा अष्टमी के दिन व्रत करते हैं, और व्रत कथा का पाठ करते हैं, तो इससे आपको बहुत ही ज्यादा सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखकर कथा का पाठ करने से व्यक्ति को उसके सारे पापों से मुक्ति मिलती है। राधा अष्टमी के दिन व्रत करने से व्यक्ति को संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं  श्री कृष्णा के बिना राधा और राधा के बिना श्री कृष्णा अधूरे हैं, इसलिए अगर आप इस दिन व्रत रखकर राधा जी को प्रसन्न कर लेते हैं, तो श्री कृष्णा जी भी स्वत: ही व्यक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं, और व्यक्ति को दोनों का ही आशीर्वाद मिलता है, और उनकी हर मनोकामना भी पूर्ण होती है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपको भी श्री कृष्ण और राधा जी का आशीर्वाद मिले, तो आपको भी राधा अष्टमी के दिन व्रत रखकर Radha Chalisa का पाठ जरूर करना चाहिए।

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Conclusion

दोस्तों अगर आपको अभी तक राधाष्टमी के बारे में नहीं पता था, तो उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको राधा अष्टमी के बारे में पूरी जानकारी मिल गई हो। तो अब जब आप राधाष्टमी के बारे में सब कुछ जान चुके हैं, तो आप भी इस दिन व्रत रखकर साथ ही व्रत कथा का पाठ करके, कृष्ण जी और राधा जी को प्रसन्न जरूर करे।

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