सुंदरकांड पाठ के नियम

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दोस्तों आप सभी को रामचरितमानस के बारे में तो मालूम ही होगा, और रामचरितमानस के बारे में अगर आपको मालूम है, तो आपको सुंदरकांड के बारे में ही मालूम होगा, अगर नहीं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको सुंदरकांड के बारे में ही बताने वाले हैं। आज हम आपको बताएंगे कि सुंदरकांड क्या है? और इसके फायदे क्या है। इतना ही नहीं, हम आपको इस आर्टिकल में सुंदरकांड पाठ के नियम के बारे में भी बताएंगे, जिससे कि आप पूरे विधि विधान से इसका पाठ कर पाएंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरू करते हैं।

सुंदरकांड क्या है?

अगर बात करें सुंदर कांड की तो मैं आपको बता दे की सुंदरकांड रामचरितमानस का ही एक अध्याय है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ किया जाता है, हम आपको बता दे की सुंदरकांड में हनुमान जी के द्वारा माता सीता को खोजा जाना, और सभी सभी राक्षसों के संहार की बातों का वर्णन है, जिसका पाठ करने से हनुमान जी की कृपा हमें प्राप्त होती है। इसकी संरचना तुलसीदास जी ने की थी। कहां जाता है कि अगर कोई भक्त इसका नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें, तो उसे हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और उसे कई सारे लाभ मिलते हैं। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और आपको इसके नियम के बारे में बताते हैं।

सुंदरकांड पाठ के नियम

तो दोस्तों अगर आप भी सुंदर कांड का पाठ करना चाहते हैं, और आप चाहते हैं कि आपको उसका पूरा फल मिले। तो यह जरूरी है कि आप पूरे नियम के साथ इसका पाठ करें, नीचे हमने इसके नियम के बारे में बताया है।

 

1: तो दोस्तों अगर बात करें सुंदरकांड के पाठ की, तो हम आपको बता दे की सुंदरकांड के पाठ को लगातार 11, 21,31 और 41 दिनों तक करना बहुत ही ज्यादा फलदाई माना जाता है।

 

2: सुंदरकांड का पाठ करते वक्त आपको चौकी के ऊपर हनुमान जी की तस्वीर रखनी होती है, और ध्यान रहे कि उस तस्वीर में हनुमान जी के अलावा श्री राम जी, सीता जी, और लक्ष्मण जी भी हो।

 

3: इतना करने के बाद आपको एक शुद्ध घी का दीपक हनुमान जी के सामने जलाना है, जिसके बाद आपको हनुमान जी के चरणों में साथ पीपल के पत्ते चढ़ाना है। 

 

4:इसके बाद आपको हनुमान जी को भोग लगाना है, जिसके लिए आप फल, गुड़ चना, लड्डू, या किसी भी मिस्ठान के इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके बाद आप बिना किसी परेशानी के सुंदरकांड का पाठ शुरू कर सकते हैं।

 

5: वैसे तो आप सुंदरकांड का पाठ कभी भी कर सकते हैं, लेकिन अगर समय की बात करें, तो सुबह और शाम को 4:00 के बाद सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है।

 

6: जब आप सुंदरकांड का पाठ करें, तब आपको ना ही अपने जगह से उठना है, और ना ही किसी से बात करनी है। सुंदरकांड का पूरा पाठ करने के बाद ही आपको कोई दूसरा काम करना है।

सुंदरकांड का पाठ करने के फायदे

सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को एक नहीं बल्कि अनेक फायदे होते हैं, क्योंकि सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। इसलिए उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक और विचारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इतना ही नहीं सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को किसी भी चीज का भय नहीं रहता, और वह सभी काम को आत्मविश्वास से करता है। सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, जिससे कि उसका जीवन खुशहाली से बीतता है, और नकारात्मक ऊर्जा हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है।

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Conclusion 

दोस्तों उम्मीद है कि अब आपको सुंदरकांड और सुंदरकांड के नियम के बारे में पता चल गया होगा, अब जब आप नियम के बारे में जान ही चुके हैं, तो अब आप भी सुंदरकांड का नियमित तौर पर पाठ करके हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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